दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया हैं
दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
तूफां में हम को छोड़ के साहिल पे आ गये
तूफां में हम को छोड़ के साहिल पे आ गये
साहिल पे आ गये
नाखुदा का, नाखुदा का...हम ने जिन्हे नाम दिया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
दुश्मन ना करे ओ ओ...
पहले तो होश छिन लिये जुल्म-ओ-सितम से
पहले तो होश छिन लिये जुल्म-ओ-सितम से
जुल्म-ओ-सितम से
दीवानगी का......दीवानगी का फिर हमें इल्ज़ाम दिया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
दुश्मन ना करे ओ ओ...
अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
नशेमन पे बिजलियाँ
गैरो ने आ के...
गैरो ने आ के फिर भी उसे थाम लिया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया हैं
उम्रभर का गम हमें इनाम दिया हैं
From Akhir Kyon,
P.S.
What a fabulously beautiful song this is, no?
And Smita Patil was absolutely ethereal in it! Lovely trip down memory lane in piecing this song together, hopefully perfectly. Do write in, if I have missed something :-)
Why am I blogging this here now? Ha ha let's not get into that, shall we?
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